बड़े दिनो बाद उसके गलियो से गुजरते हुए, जख्म देखा दिल के फिर से उभरते हुए, लोगो का जलसा उमड़ता था वहा, ताकि देख ले हसीना को लोग सँवरते हुए, हमने भी देखा था जुल्फों को यही बिखरते हुए, देखते थे उसे उसके नजरो से बचते हुए, फिर सारे मोहल्ले ने पकड़ा था हमें, ये प्यार का खेल रचते हुए, एक दूसरे के गले लगते थे लोगो को तकते हुए, फिर जमाने ने लगा दी नजर मोहब्बत पर, कि वो दुल्हन बनकर दिखी किसी के पीछे चलते हुए, फिर याद आया सितम आज उस गली से गुजरते हुए.. #100 rav