सूरत
जब भूलने लगता हूँ तुझे तू आकर दिल मे आकर सदा दे जाती है,
मोहब्बत बुझने लगती है तेरी दिल मे और तू हवा दे जाती है,
जैसे खाक डाल देती है तू हर मल्तबा सौरभ की कब्र पर,
तेरी सूरत है कि मरते हुए को जीने की वज़ह दे जाती है...
#100Rav
जब भूलने लगता हूँ तुझे तू आकर दिल मे आकर सदा दे जाती है,
मोहब्बत बुझने लगती है तेरी दिल मे और तू हवा दे जाती है,
जैसे खाक डाल देती है तू हर मल्तबा सौरभ की कब्र पर,
तेरी सूरत है कि मरते हुए को जीने की वज़ह दे जाती है...
#100Rav
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