आँखे बरसती रही

वफा को तरसती रहती है,
आंख से पानी कम ना हो जाए ,
तेरे यादों कि कश्ती रहती है,
दीदार को पलखे झपकती रहती है,
पुतलियाँ रस्ता तकती रहती है,
दूजा कोई आजाए सामने तो,
हाँ आंखो मे थोड़ी सख्ती रहती है,
अब ना-उम्मीद हो चुका हूँ,
इसलिए आँखे बरसती रहती है..
#100rav

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