इंसान बनो
आयिए देखते है किस कदर हमने खुद को खुद में बांट लिया है,
पहले तो हम भारतीय, पाकिस्तानी, चीनी और अलग अलग देशों में बंट चुके है अब यह एक सहजता है जरूरी भी है।
फिर इससे परे हैं सब जातिवाद में बंटे है की वो ईसाई है, मुस्लिम या हिन्दू है।
अब इस प्रकार का बंटवारा हो चुका है कि लोगो में द्वेष बढ़ गया है अब एक दूसरे के मजहब की खामियों को इस कदर उजागर करने में लग गए है की अगर गलती कोई मूल समाज का व्यक्ति करे और बदनाम पूरा कौम होगा।
अब इसमें गलती कौम की भी है कि वो लोग इन लोगो को पारदर्शिता नहीं दिखाएगी क्योंकि इससे कौम की नाक कटेगी भले ही वो गलत क्यों ना हो।
ये बात हुई जाती वाद की अब इसके बाद भारत देश राज्य में बंट चुका है,
कुछ बहुत पढ़े लिखे अनपढ़ या नेता जिनका ना कोई जाती होता है ना कोई कर्तव्य बस इन्हे प्यार है तो सत्ता से अपनी कुर्सी से। अब ऐसे लोगो से बड़े मूर्ख वो लोग है जो इन्हे भगवान मानते है और भारत में ही भारतीय लोगो को इन जैसे नीच नेताओ के कहने पर वो मद्रासी है तो मद्रास में रहकर काम करे, या फिर यूपी का है तो यूपी में रहकर काम करे ऐसे धारणा उत्तेजित करते है और ये भूल जाते है कि भारत हर एक भारतीय का देश अथवा घर है।
अब आप अगर अपने घर में है तो आपको श्रम कानून (labour law) के तहत आपको हक है आप पूरे देश में कहीं भी जाकर काम या उदयोग कर सकते हैं।
लेकिन ऐसे लोग है समाज में इन्हे सिर्फ लोगो को गुमराह करके की तुम्हारा हक छीना जा रहा है भड़काते है और फिर वोट के लिए उपयोग करते है और कुछ पढ़े लिखे अनपढ़ इनका पुरजोर समर्थन करते है अब यही अगर अमेरिका, इंग्लैंड और अन्य बाहर के देश वाले भी धारणा रखे तो तो कई भारतीय बड़े बड़े औेदे को हासिल ना कर पाए।
एक बड़ा उदाहरण सुंदर पिचई जी जो गूगल में CEO है।
और इस बंटवारे का सिलसिला यहीं नहीं रुकता फिर आते है वो लोग जो आज भी ये भेद रखते है कि शूद्र है, आदिवासी है, ब्रह्मांड है और ऐसा बर्ताव करते है जैसे इन्हे भगवान ने ना बनाया हो।
अलग तरीके से इनका जन्म हुआ है।
तो हम सबका बंटवारा पहले हिन्दू, मुसलमान, ईसाई, फिर देश और फिर राज्य अंत में ये सब भूल जाते है कि हम सब इन सबसे पहले एक इंसान है और हमारा कर्म इंसानियत है जो आज बहुत कम लोगो में बची है, जिसके जीते जागते उदाहरण है बिल गेट्स जो कि देश और जातिवाद की सीमा ना देखते हुए पूरे देश में लोगो की मदद करते है और ऐसे बहुत से लोग है लेकिन मसला ये है कि ऐसे लोगो की तादाद कम होते जा रही है।
युवा पीढ़ी भी राजनीति में अपना वक्त दे रही और दिमाग में जहर का समावेश कर रही है और भूल रही है कि दुनिया में हिन्दू, मुस्लिम तो बहुत है लेकिन इंसान कम होते जा रहे है जिसकी जरूरत बाहर ज्यादा है।
धन्यवाद आपके वक्त के लिए।
मै ये नहीं कहता कि भगवान बनो,
इंसान हो तो बस इंसान बनो।
जय हिन्द
#100rav #100rav_d_shayar #insaani_fitrat
Read my thoughts on @YourQuoteApp
#yourquote #quote #stories #qotd #quoteoftheday #wordporn #quotestagram #wordswag #wordsofwisdom #inspirationalquotes #writeaway #thoughts #poetry #instawriters #writersofinstagram #writersofig #writersofindia #igwriters #igwritersclub
पहले तो हम भारतीय, पाकिस्तानी, चीनी और अलग अलग देशों में बंट चुके है अब यह एक सहजता है जरूरी भी है।
फिर इससे परे हैं सब जातिवाद में बंटे है की वो ईसाई है, मुस्लिम या हिन्दू है।
अब इस प्रकार का बंटवारा हो चुका है कि लोगो में द्वेष बढ़ गया है अब एक दूसरे के मजहब की खामियों को इस कदर उजागर करने में लग गए है की अगर गलती कोई मूल समाज का व्यक्ति करे और बदनाम पूरा कौम होगा।
अब इसमें गलती कौम की भी है कि वो लोग इन लोगो को पारदर्शिता नहीं दिखाएगी क्योंकि इससे कौम की नाक कटेगी भले ही वो गलत क्यों ना हो।
ये बात हुई जाती वाद की अब इसके बाद भारत देश राज्य में बंट चुका है,
कुछ बहुत पढ़े लिखे अनपढ़ या नेता जिनका ना कोई जाती होता है ना कोई कर्तव्य बस इन्हे प्यार है तो सत्ता से अपनी कुर्सी से। अब ऐसे लोगो से बड़े मूर्ख वो लोग है जो इन्हे भगवान मानते है और भारत में ही भारतीय लोगो को इन जैसे नीच नेताओ के कहने पर वो मद्रासी है तो मद्रास में रहकर काम करे, या फिर यूपी का है तो यूपी में रहकर काम करे ऐसे धारणा उत्तेजित करते है और ये भूल जाते है कि भारत हर एक भारतीय का देश अथवा घर है।
अब आप अगर अपने घर में है तो आपको श्रम कानून (labour law) के तहत आपको हक है आप पूरे देश में कहीं भी जाकर काम या उदयोग कर सकते हैं।
लेकिन ऐसे लोग है समाज में इन्हे सिर्फ लोगो को गुमराह करके की तुम्हारा हक छीना जा रहा है भड़काते है और फिर वोट के लिए उपयोग करते है और कुछ पढ़े लिखे अनपढ़ इनका पुरजोर समर्थन करते है अब यही अगर अमेरिका, इंग्लैंड और अन्य बाहर के देश वाले भी धारणा रखे तो तो कई भारतीय बड़े बड़े औेदे को हासिल ना कर पाए।
एक बड़ा उदाहरण सुंदर पिचई जी जो गूगल में CEO है।
और इस बंटवारे का सिलसिला यहीं नहीं रुकता फिर आते है वो लोग जो आज भी ये भेद रखते है कि शूद्र है, आदिवासी है, ब्रह्मांड है और ऐसा बर्ताव करते है जैसे इन्हे भगवान ने ना बनाया हो।
अलग तरीके से इनका जन्म हुआ है।
तो हम सबका बंटवारा पहले हिन्दू, मुसलमान, ईसाई, फिर देश और फिर राज्य अंत में ये सब भूल जाते है कि हम सब इन सबसे पहले एक इंसान है और हमारा कर्म इंसानियत है जो आज बहुत कम लोगो में बची है, जिसके जीते जागते उदाहरण है बिल गेट्स जो कि देश और जातिवाद की सीमा ना देखते हुए पूरे देश में लोगो की मदद करते है और ऐसे बहुत से लोग है लेकिन मसला ये है कि ऐसे लोगो की तादाद कम होते जा रही है।
युवा पीढ़ी भी राजनीति में अपना वक्त दे रही और दिमाग में जहर का समावेश कर रही है और भूल रही है कि दुनिया में हिन्दू, मुस्लिम तो बहुत है लेकिन इंसान कम होते जा रहे है जिसकी जरूरत बाहर ज्यादा है।
धन्यवाद आपके वक्त के लिए।
मै ये नहीं कहता कि भगवान बनो,
इंसान हो तो बस इंसान बनो।
जय हिन्द
#100rav #100rav_d_shayar #insaani_fitrat
Read my thoughts on @YourQuoteApp
#yourquote #quote #stories #qotd #quoteoftheday #wordporn #quotestagram #wordswag #wordsofwisdom #inspirationalquotes #writeaway #thoughts #poetry #instawriters #writersofinstagram #writersofig #writersofindia #igwriters #igwritersclub
Comments
Post a Comment